21فَخَرَجَ مِنها خائِفًا يَتَرَقَّبُ ۖ قالَ رَبِّ نَجِّني مِنَ القَومِ الظّالِمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीमै तुमसे ख़ैरख्वाहाना (भलाइ के लिए) कहता हूँ ग़रज़ मूसा वहाँ से उम्मीद व बीम की हालत में निकल खडे हुए और (बारगाहे ख़ुदा में) अर्ज़ की परवरदिगार मुझे ज़ालिम लोगों (के हाथ) से नजात दे