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Sura 34
Aya 39
39
قُل إِنَّ رَبّي يَبسُطُ الرِّزقَ لِمَن يَشاءُ مِن عِبادِهِ وَيَقدِرُ لَهُ ۚ وَما أَنفَقتُم مِن شَيءٍ فَهُوَ يُخلِفُهُ ۖ وَهُوَ خَيرُ الرّازِقينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कह दो, "मेरा रब ही है जो अपने बन्दों में से जिसके लिए चाहता है रोज़ी कुशादा कर देता है और जिसके लिए चाहता है नपी-तुली कर देता है। और जो कुछ भी तुमने ख़र्च किया, उसकी जगह वह तुम्हें और देगा। वह सबसे अच्छा रोज़ी देनेवाला है।"