113قالوا نُريدُ أَن نَأكُلَ مِنها وَتَطمَئِنَّ قُلوبُنا وَنَعلَمَ أَن قَد صَدَقتَنا وَنَكونَ عَلَيها مِنَ الشّاهِدينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीवह अर्ज़ करने लगे हम तो फक़त ये चाहते है कि इसमें से (बरतकन) कुछ खाएँ और हमारे दिल को (आपकी रिसालत का पूरा पूरा) इत्मेनान हो जाए और यक़ीन कर लें कि आपने हमसे (जो कुछ कहा था) सच फरमाया था और हम लोग इस पर गवाह रहें