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Sura 11
Aya 52
52
وَيا قَومِ استَغفِروا رَبَّكُم ثُمَّ توبوا إِلَيهِ يُرسِلِ السَّماءَ عَلَيكُم مِدرارًا وَيَزِدكُم قُوَّةً إِلىٰ قُوَّتِكُم وَلا تَتَوَلَّوا مُجرِمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और ऐ मेरी क़ौम अपने परवरदिगार से मग़फिरत की दुआ मॉगों फिर उसकी बारगाह में अपने (गुनाहों से) तौबा करो तो वह तुम पर मूसलाधार मेह आसमान से बरसाएगा ख़ुश्क साली न होगी और तुम्हारी क़ूवत (ताक़त) में और क़ूवत बढ़ा देगा और मुजरिम बन कर उससे मुँह न मोड़ों