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Sura 18
Aya 51
51
۞ ما أَشهَدتُهُم خَلقَ السَّماواتِ وَالأَرضِ وَلا خَلقَ أَنفُسِهِم وَما كُنتُ مُتَّخِذَ المُضِلّينَ عَضُدًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

मैंने न तो आकाशों और धरती को उन्हें दिखाकर पैदा किया और न स्वयं उनको बनाने और पैदा करने के समय ही उन्हें बुलाया। मैं ऐसा नहीं हूँ कि गुमराह करनेवालों को अपनी बाहु-भुजा बनाऊँ