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Sura 18
Aya 57
57
وَمَن أَظلَمُ مِمَّن ذُكِّرَ بِآياتِ رَبِّهِ فَأَعرَضَ عَنها وَنَسِيَ ما قَدَّمَت يَداهُ ۚ إِنّا جَعَلنا عَلىٰ قُلوبِهِم أَكِنَّةً أَن يَفقَهوهُ وَفي آذانِهِم وَقرًا ۖ وَإِن تَدعُهُم إِلَى الهُدىٰ فَلَن يَهتَدوا إِذًا أَبَدًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और उससे बढ़कर और कौन ज़ालिम होगा जिसको ख़ुदा की आयतें याद दिलाई जाए और वह उनसे रद गिरदानी (मुँह फेर ले) करे और अपने पहले करतूतों को जो उसके हाथों ने किए हैं भूल बैठे (गोया) हमने खुद उनके दिलों पर परदे डाल दिए हैं कि वह (हक़ बात को) न समझ सकें और (गोया) उनके कानों में गिरानी पैदा कर दी है कि (सुन न सकें) और अगर तुम उनको राहे रास्त की तरफ़ बुलाओ भी तो ये हरगिज़ कभी रुबरु होने वाले नहीं हैं