14لا تَدعُوا اليَومَ ثُبورًا واحِدًا وَادعوا ثُبورًا كَثيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमद(कहा जाएगा,) "आज एक विनाश को मत पुकारो, बल्कि बहुत-से विनाशों को पुकारो!"