29لَقَد أَضَلَّني عَنِ الذِّكرِ بَعدَ إِذ جاءَني ۗ وَكانَ الشَّيطانُ لِلإِنسانِ خَذولًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने मुझे भटकाकर अनुस्मृति से विमुख कर दिया, इसके पश्चात कि वह मेरे पास आ चुकी थी। शैतान तो समय पर मनुष्य का साथ छोड़ ही देता है।"