40وَلَقَد أَتَوا عَلَى القَريَةِ الَّتي أُمطِرَت مَطَرَ السَّوءِ ۚ أَفَلَم يَكونوا يَرَونَها ۚ بَل كانوا لا يَرجونَ نُشورًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उस बस्ती पर से तो वे हो आए है जिसपर बुरी वर्षा बरसी; तो क्या वे उसे देखते नहीं रहे हैं? नहीं, बल्कि वे दोबारा जीवित होकर उठने की आशा ही नहीं रखते रहे है