45أَلَم تَرَ إِلىٰ رَبِّكَ كَيفَ مَدَّ الظِّلَّ وَلَو شاءَ لَجَعَلَهُ ساكِنًا ثُمَّ جَعَلنَا الشَّمسَ عَلَيهِ دَليلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या तुमने अपने रब को नहीं देखा कि कैसे फैलाई छाया? यदि चाहता तो उसे स्थिर रखता। फिर हमने सूर्य को उसका पता देनेवाला बनाया,