53۞ وَهُوَ الَّذي مَرَجَ البَحرَينِ هٰذا عَذبٌ فُراتٌ وَهٰذا مِلحٌ أُجاجٌ وَجَعَلَ بَينَهُما بَرزَخًا وَحِجرًا مَحجورًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने दरयाओं को आपस में मिला दिया (और बावजूद कि) ये खालिस मज़ेदार मीठा है और ये बिल्कुल खारी कड़वा (मगर दोनों को मिलाया) और दोनों के दरमियान एक आड़ और मज़बूत ओट बना दी है (कि गड़बड़ न हो)