55وَيَعبُدونَ مِن دونِ اللَّهِ ما لا يَنفَعُهُم وَلا يَضُرُّهُم ۗ وَكانَ الكافِرُ عَلىٰ رَبِّهِ ظَهيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह से इतर वे उनको पूजते है जो न उन्हें लाभ पहुँचा सकते है और न ही उन्हें हानि पहुँचा सकते है। और ऊपर से यह भी कि इनकार करनेवाला अपने रब का विरोधी और उसके मुक़ाबले में दूसरों का सहायक बना हुआ है