64وَالَّذينَ يَبيتونَ لِرَبِّهِم سُجَّدًا وَقِيامًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर वह लोग जो अपने परवरदिगार के वास्ते सज़दे और क़याम में रात काट देते हैं