75أُولٰئِكَ يُجزَونَ الغُرفَةَ بِما صَبَروا وَيُلَقَّونَ فيها تَحِيَّةً وَسَلامًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयही वे लोग है जिन्हें, इसके बदले में कि वे जमे रहे, उच्च भवन प्राप्त होगा, तथा ज़िन्दाबाद और सलाम से उनका वहाँ स्वागत होगा