77قُل ما يَعبَأُ بِكُم رَبّي لَولا دُعاؤُكُم ۖ فَقَد كَذَّبتُم فَسَوفَ يَكونُ لِزامًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर दुआ नही किया करते तो मेरा परवरदिगार भी तुम्हारी कुछ परवाह नही करता तुमने तो (उसके रसूल को) झुठलाया तो अन क़रीब ही (उसका वबाल) तुम्हारे सर पडेग़ा