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Sura 27
Aya 20
20
وَتَفَقَّدَ الطَّيرَ فَقالَ ما لِيَ لا أَرَى الهُدهُدَ أَم كانَ مِنَ الغائِبينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और सुलेमान ने परिन्दों (के लश्कर) की हाज़िरी ली तो कहने लगे कि क्या बात है कि मै हुदहुद को (उसकी जगह पर) नहीं देखता क्या (वाक़ई में) वह कही ग़ायब है