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Sura 28
Aya 15
15
وَدَخَلَ المَدينَةَ عَلىٰ حينِ غَفلَةٍ مِن أَهلِها فَوَجَدَ فيها رَجُلَينِ يَقتَتِلانِ هٰذا مِن شيعَتِهِ وَهٰذا مِن عَدُوِّهِ ۖ فَاستَغاثَهُ الَّذي مِن شيعَتِهِ عَلَى الَّذي مِن عَدُوِّهِ فَوَكَزَهُ موسىٰ فَقَضىٰ عَلَيهِ ۖ قالَ هٰذا مِن عَمَلِ الشَّيطانِ ۖ إِنَّهُ عَدُوٌّ مُضِلٌّ مُبينٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने नगर में ऐसे समय प्रवेश किया जबकि वहाँ के लोग बेख़बर थे। उसने वहाँ दो आदमियों को लड़ते पाया। यह उसके अपने गिरोह का था और यह उसके शत्रुओं में से था। जो उसके गिरोह में से था उसने उसके मुक़ाबले में, जो उसके शत्रुओं में से था, सहायता के लिए उसे पुकारा। मूसा ने उसे घूँसा मारा और उसका काम तमाम कर दिया। कहा, "यह शैतान की कार्यवाई है। निश्चय ही वह खुला पथभ्रष्ट करनेवाला शत्रु है।"