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Sura 28
Aya 16
16
قالَ رَبِّ إِنّي ظَلَمتُ نَفسي فَاغفِر لي فَغَفَرَ لَهُ ۚ إِنَّهُ هُوَ الغَفورُ الرَّحيمُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(फिर बारगाहे ख़ुदा में) अर्ज़ की परवरदिगार बेशक मैने अपने ऊपर आप ज़ुल्म किया (कि इस शहर में आया) तो तू मुझे (दुश्मनों से) पोशीदा रख-ग़रज़ ख़ुदा ने उन्हें पोशीदा रखा (इसमें तो शक नहीं कि वह बड़ा पोशीदा रखने वाला मेहरबान है)