28قالَ ذٰلِكَ بَيني وَبَينَكَ ۖ أَيَّمَا الأَجَلَينِ قَضَيتُ فَلا عُدوانَ عَلَيَّ ۖ وَاللَّهُ عَلىٰ ما نَقولُ وَكيلٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीमूसा ने कहा ये मेरे और आप के दरमियान (मुहाएदा) है दोनों मुद्दतों मे से मै जो भी पूरी कर दूँ (मुझे एख्तियार है) फिर मुझ पर जब्र और ज्यादती (देने का आपको हक़) नहीं और हम आप जो कुछ कर रहे हैं (उसका) ख़ुदा गवाह है