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Sura 28
Aya 46
46
وَما كُنتَ بِجانِبِ الطّورِ إِذ نادَينا وَلٰكِن رَحمَةً مِن رَبِّكَ لِتُنذِرَ قَومًا ما أَتاهُم مِن نَذيرٍ مِن قَبلِكَ لَعَلَّهُم يَتَذَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और न तुम तूर की किसी जानिब उस वक्त मौजूद थे जब हमने (मूसा को) आवाज़ दी थी (ताकि तुम देखते) मगर ये तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी है ताकि तुम उन लोगों को जिनके पास तुमसे पहले कोई डराने वाला आया ही नहीं डराओ ताकि ये लोग नसीहत हासिल करें