कि मै भी उस पर चलँ फिर अगर ये लोग (इस पर भी) न मानें तो समझ लो कि ये लोग बस अपनी हवा व हवस की पैरवी करते है और जो शख्स ख़ुदा की हिदायत को छोड़ कर अपनी हवा व हवस की पैरवी करते है उससे ज्यादा गुमराह कौन होगा बेशक ख़ुदा सरकश लोगों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता