58وَكَم أَهلَكنا مِن قَريَةٍ بَطِرَت مَعيشَتَها ۖ فَتِلكَ مَساكِنُهُم لَم تُسكَن مِن بَعدِهِم إِلّا قَليلًا ۖ وَكُنّا نَحنُ الوارِثينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमने कितनी ही बस्तियों को विनष्ट कर डाला, जिन्होंने अपनी गुज़र-बसर के संसाधन पर इतराते हुए अकृतज्ञता दिखाई। तो वे है उनके घर, जो उनके बाद आबाद थोड़े ही हुए। अन्ततः हम ही वारिस हुए