68وَرَبُّكَ يَخلُقُ ما يَشاءُ وَيَختارُ ۗ ما كانَ لَهُمُ الخِيَرَةُ ۚ سُبحانَ اللَّهِ وَتَعالىٰ عَمّا يُشرِكونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर तुम्हारा परवरदिगार जो चाहता है पैदा करता है और (जिसे चाहता है) मुन्तख़िब करता है और ये इन्तिख़ाब लोगों के एख्तियार में नहीं है और जिस चीज़ को ये लोग ख़ुदा का शरीक बनाते हैं उससे ख़ुदा पाक और (कहीं) बरतर है