73وَمِن رَحمَتِهِ جَعَلَ لَكُمُ اللَّيلَ وَالنَّهارَ لِتَسكُنوا فيهِ وَلِتَبتَغوا مِن فَضلِهِ وَلَعَلَّكُم تَشكُرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने अपनी दयालुता से तुम्हारे लिए रात और दिन बनाए, ताकि तुम उसमें (रात में) आराम पाओ और ताकि तुम (दिन में) उसका अनुग्रह (रोज़ी) तलाश करो और ताकि तुम कृतज्ञता दिखाओ।"