74وَيَومَ يُناديهِم فَيَقولُ أَينَ شُرَكائِيَ الَّذينَ كُنتُم تَزعُمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (उस दिन को याद करो) जिस दिन वह उन्हें पुकार कर पूछेगा जिनको तुम लोग मेरा शरीक ख्याल करते थे वह (आज) कहाँ हैं