77وَابتَغِ فيما آتاكَ اللَّهُ الدّارَ الآخِرَةَ ۖ وَلا تَنسَ نَصيبَكَ مِنَ الدُّنيا ۖ وَأَحسِن كَما أَحسَنَ اللَّهُ إِلَيكَ ۖ وَلا تَبغِ الفَسادَ فِي الأَرضِ ۖ إِنَّ اللَّهَ لا يُحِبُّ المُفسِدينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो कुछ अल्लाह ने तुझे दिया है, उसमें आख़िरत के घर का निर्माण कर और दुनिया में से अपना हिस्सा न भूल, और भलाई कर, जैसा कि अल्लाह ने तेरे साथ भलाई की है, और धरती का बिगाड़ मत चाह। निश्चय ही अल्लाह बिगाड़ पैदा करनेवालों को पसन्द नहीं करता।"