86وَما كُنتَ تَرجو أَن يُلقىٰ إِلَيكَ الكِتابُ إِلّا رَحمَةً مِن رَبِّكَ ۖ فَلا تَكونَنَّ ظَهيرًا لِلكافِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम तो इसकी आशा नहीं रखते थे कि तुम्हारी ओर किताब उतारी जाएगी। इसकी संभावना तो केवल तुम्हारे रब की दयालुता के कारण हुई। अतः तुम इनकार करनेवालों के पृष्ठपोषक न बनो