87وَلا يَصُدُّنَّكَ عَن آياتِ اللَّهِ بَعدَ إِذ أُنزِلَت إِلَيكَ ۖ وَادعُ إِلىٰ رَبِّكَ ۖ وَلا تَكونَنَّ مِنَ المُشرِكينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकहीं ऐसा न हो एहकामे ख़ुदा वन्दी नाज़िल होने के बाद तुमको ये लोग उनकी तबलीग़ से रोक दें और तुम अपने परवरदिगार की तरफ (लोगों को) बुलाते जाओ और ख़बरदार मुशरेकीन से हरगिज़ न होना