13وَلَيَحمِلُنَّ أَثقالَهُم وَأَثقالًا مَعَ أَثقالِهِم ۖ وَلَيُسأَلُنَّ يَومَ القِيامَةِ عَمّا كانوا يَفتَرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (हाँ) ये लोग अपने (गुनाह के) बोझे तो यक़ीनी उठाएँगें ही और अपने बोझो के साथ जिन्हें गुमराह किया उनके बोझे भी उठाएँगे और जो इफ़ितेरा परदाज़िया ये लोग करते रहे हैं क़यामत के दिन उन से ज़रुर उसकी बाज़पुर्स होगी