2أَحَسِبَ النّاسُ أَن يُترَكوا أَن يَقولوا آمَنّا وَهُم لا يُفتَنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या लोगों ने ये समझ लिया है कि (सिर्फ) इतना कह देने से कि हम ईमान लाए छोड़ दिए जाएँगे और उनका इम्तेहान न लिया जाएगा