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Sura 29
Aya 21
21
يُعَذِّبُ مَن يَشاءُ وَيَرحَمُ مَن يَشاءُ ۖ وَإِلَيهِ تُقلَبونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वह जिसे चाहे यातना दे और जिसपर चाहे दया करे। और उसी की ओर तुम्हें पलटकर जाना है।"