21يُعَذِّبُ مَن يَشاءُ وَيَرحَمُ مَن يَشاءُ ۖ وَإِلَيهِ تُقلَبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवह जिसे चाहे यातना दे और जिसपर चाहे दया करे। और उसी की ओर तुम्हें पलटकर जाना है।"