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Sura 29
Aya 40
40
فَكُلًّا أَخَذنا بِذَنبِهِ ۖ فَمِنهُم مَن أَرسَلنا عَلَيهِ حاصِبًا وَمِنهُم مَن أَخَذَتهُ الصَّيحَةُ وَمِنهُم مَن خَسَفنا بِهِ الأَرضَ وَمِنهُم مَن أَغرَقنا ۚ وَما كانَ اللَّهُ لِيَظلِمَهُم وَلٰكِن كانوا أَنفُسَهُم يَظلِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अन्ततः हमने हरेक को उसके अपने गुनाह के कारण पकड़ लिया। फिर उनमें से कुछ पर तो हमने पथराव करनेवाली वायु भेजी और उनमें से कुछ को एक प्रचंड चीत्कार न आ लिया। और उनमें से कुछ को हमने धरती में धँसा दिया। और उनमें से कुछ को हमने डूबो दिया। अल्लाह तो ऐसा न था कि उनपर ज़ुल्म करता, किन्तु वे स्वयं अपने आपपर ज़ुल्म कर रहे थे