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Sura 29
Aya 43
43
وَتِلكَ الأَمثالُ نَضرِبُها لِلنّاسِ ۖ وَما يَعقِلُها إِلَّا العالِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और हम ये मिसाले लोगों के (समझाने) के वास्ते बयान करते हैं और उन को तो बस उलमा ही समझते हैं