45اتلُ ما أوحِيَ إِلَيكَ مِنَ الكِتابِ وَأَقِمِ الصَّلاةَ ۖ إِنَّ الصَّلاةَ تَنهىٰ عَنِ الفَحشاءِ وَالمُنكَرِ ۗ وَلَذِكرُ اللَّهِ أَكبَرُ ۗ وَاللَّهُ يَعلَمُ ما تَصنَعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउस किताब को पढ़ो जो तुम्हारी ओर प्रकाशना के द्वारा भेजी गई है, और नमाज़ का आयोजन करो। निस्संदेह नमाज़ अश्लीलता और बुराई से रोकती है। और अल्लाह का याद करना तो बहुत बड़ी चीज़ है। अल्लाह जानता है जो कुछ तुम रचते और बनाते हो