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Sura 29
Aya 48
48
وَما كُنتَ تَتلو مِن قَبلِهِ مِن كِتابٍ وَلا تَخُطُّهُ بِيَمينِكَ ۖ إِذًا لَارتابَ المُبطِلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल) क़ुरान से पहले न तो तुम कोई किताब ही पढ़ते थे और न अपने हाथ से तुम लिखा करते थे ऐसा होता तो ये झूठे ज़रुर (तुम्हारी नबुवत में) शक करते