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Sura 29
Aya 56
56
يا عِبادِيَ الَّذينَ آمَنوا إِنَّ أَرضي واسِعَةٌ فَإِيّايَ فَاعبُدونِ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ऐ मेरे ईमानदार बन्दों मेरी ज़मीन तो यक़ीनन कुशादा है तो तुम मेरी ही इबादत करो