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Sura 29
Aya 6
6
وَمَن جاهَدَ فَإِنَّما يُجاهِدُ لِنَفسِهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ لَغَنِيٌّ عَنِ العالَمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो शख्स (इबादत में) कोशिश करता है तो बस अपने ही वास्ते कोशिश करता है (क्योंकि) इसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा सारे जहाँन (की इबादत) से बेनियाज़ है