60وَكَأَيِّن مِن دابَّةٍ لا تَحمِلُ رِزقَهَا اللَّهُ يَرزُقُها وَإِيّاكُم ۚ وَهُوَ السَّميعُ العَليمُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकितने ही चलनेवाले जीवधारी है, जो अपनी रोज़ी उठाए नहीं फिरते। अल्लाह ही उन्हें रोज़ी देता है और तुम्हें भी! वह सब कुछ सुनता, जानता है