64وَما هٰذِهِ الحَياةُ الدُّنيا إِلّا لَهوٌ وَلَعِبٌ ۚ وَإِنَّ الدّارَ الآخِرَةَ لَهِيَ الحَيَوانُ ۚ لَو كانوا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यह सांसारिक जीवन तो केवल दिल का बहलावा और खेल है। निस्संदेह पश्चात्वर्ती घर (का जीवन) ही वास्तविक जीवन है। क्या ही अच्छा होता कि वे जानते!