66لِيَكفُروا بِما آتَيناهُم وَلِيَتَمَتَّعوا ۖ فَسَوفَ يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदताकि जो कुछ हमने उन्हें दिया है उसके प्रति वे इस तरह कृतघ्नता दिखाएँ, और ताकि इस तरह से मज़े उड़ा ले। अच्छा तो वे शीघ्र ही जान लेंगे