68وَمَن أَظلَمُ مِمَّنِ افتَرىٰ عَلَى اللَّهِ كَذِبًا أَو كَذَّبَ بِالحَقِّ لَمّا جاءَهُ ۚ أَلَيسَ في جَهَنَّمَ مَثوًى لِلكافِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउस व्यक्ति से बढ़कर ज़ालिम कौन होगा जो अल्लाह पर थोपकर झूठ घड़े या सत्य को झुठलाए, जबकि वह उसके पास आ चुका हो? क्या इनकार करनेवालों का ठौर-ठिकाना जहन्नम नें नहीं होगा?