You are here: Home » Chapter 29 » Verse 8 » Translation
Sura 29
Aya 8
8
وَوَصَّينَا الإِنسانَ بِوالِدَيهِ حُسنًا ۖ وَإِن جاهَداكَ لِتُشرِكَ بي ما لَيسَ لَكَ بِهِ عِلمٌ فَلا تُطِعهُما ۚ إِلَيَّ مَرجِعُكُم فَأُنَبِّئُكُم بِما كُنتُم تَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और हमने इन्सान को अपने माँ बाप से अच्छा बरताव करने का हुक्म दिया है और (ये भी कि) अगर तुझे तेरे माँ बाप इस बात पर मजबूर करें कि ऐसी चीज़ को मेरा शरीक बना जिन (के शरीक होने) का मुझे इल्म तक नहीं तो उनका कहना न मानना तुम सबको (आख़िर एक दिन) मेरी तरफ लौट कर आना है मै जो कुछ तुम लोग (दुनिया में) करते थे बता दूँगा