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Sura 3
Aya 178
178
وَلا يَحسَبَنَّ الَّذينَ كَفَروا أَنَّما نُملي لَهُم خَيرٌ لِأَنفُسِهِم ۚ إِنَّما نُملي لَهُم لِيَزدادوا إِثمًا ۚ وَلَهُم عَذابٌ مُهينٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तियार किया वह हरगिज़ ये न ख्याल करें कि हमने जो उनको मोहलत व बेफिक्री दे रखी है वह उनके हक़ में बेहतर है (हालॉकि) हमने मोहल्लत व बेफिक्री सिर्फ इस वजह से दी है ताकि वह और ख़ूब गुनाह कर लें और (आख़िर तो) उनके लिए रूसवा करने वाला अज़ाब है