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Sura 30
Aya 17
17
فَسُبحانَ اللَّهِ حينَ تُمسونَ وَحينَ تُصبِحونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

फिर जिस वक्त तुम लोगों की शाम हो और जिस वक्त तुम्हारी सुबह हो ख़ुदा की पाकीज़गी ज़ाहिर करो