34لِيَكفُروا بِما آتَيناهُم ۚ فَتَمَتَّعوا فَسَوفَ تَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदताकि इस प्रकार वे उसके प्रति अकृतज्ञता दिखलाएँ जो कुछ हमने उन्हें दिया है। "अच्छा तो मज़े उड़ा लो, शीघ्र ही तुम जान लोगे।"