34لِيَكفُروا بِما آتَيناهُم ۚ فَتَمَتَّعوا فَسَوفَ تَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीताकि जो (नेअमत) हमने उन्हें दी है उसकी नाशुक्री करें ख़ैर (दुनिया में चन्दरोज़ चैन कर लो) फिर तो बहुत जल्द (अपने किए का मज़ा) तुम्हे मालूम ही होगा