فَآتِ ذَا القُربىٰ حَقَّهُ وَالمِسكينَ وَابنَ السَّبيلِ ۚ ذٰلِكَ خَيرٌ لِلَّذينَ يُريدونَ وَجهَ اللَّهِ ۖ وَأُولٰئِكَ هُمُ المُفلِحونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अतः नातेदार को उसका हक़ दो और मुहताज और मुसाफ़िर को भी। यह अच्छा है उनके लिए जो अल्लाह की प्रसन्नता के इच्छुक हों और वही सफल है