31أَلَم تَرَ أَنَّ الفُلكَ تَجري فِي البَحرِ بِنِعمَتِ اللَّهِ لِيُرِيَكُم مِن آياتِهِ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِكُلِّ صَبّارٍ شَكورٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या तुमने देखा नहीं कि नौका समुद्र में अल्लाह के अनुग्रह से चलती है, ताकि वह तुम्हें अपनी कुछ निशानियाँ दिखाए। निस्संदेह इसमें प्रत्येक धैर्यवान, कृतज्ञ के लिए निशानियाँ है