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Sura 31
Aya 4
4
الَّذينَ يُقيمونَ الصَّلاةَ وَيُؤتونَ الزَّكاةَ وَهُم بِالآخِرَةِ هُم يوقِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जो पाबन्दी से नमाज़ अदा करते हैं और ज़कात देते हैं और वही लोग आख़िरत का भी यक़ीन रखते हैं