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Sura 33
Aya 31
31
۞ وَمَن يَقنُت مِنكُنَّ لِلَّهِ وَرَسولِهِ وَتَعمَل صالِحًا نُؤتِها أَجرَها مَرَّتَينِ وَأَعتَدنا لَها رِزقًا كَريمًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

किन्तु तुममें से जो अल्लाह और उसके रसूल के प्रति निष्ठापूर्वक आज्ञाकारिता की नीति अपनाए और अच्छा कर्म करे, उसे हम दोहरा प्रतिदान प्रदान करेंगे और उसके लिए हमने सम्मानपूर्ण आजीविका तैयार कर रखी है